इस जनपद का हिंदी साहित्य मैं भी योगदान रहा है . यह केवल शहीद नगरी ही नहीं है. हमारा यह प्रयत्न हो गा की जनपद शाहजहांपुर के इस योगदान को उजागर करैं.
गर चापलूस होते तो पुर -खलूस होते ,चलते न यूँ अकेले पूरे जुलूस होते .................अजय गुप्ता
गर चापलूस होते तो पुर -खलूस होते ,
जवाब देंहटाएंचलते न यूँ अकेले पूरे जुलूस होते .
................अजय गुप्ता