शनिवार, 3 जुलाई 2010

AKCHAR NEEM KAY BY ARVIND MISHRA

Published in 2001 Price Rs.70.००

उस अँधेरी रात ,
गौतम पार्क के पास ,
पुलिस के गश्ती दल ने ,
तीन बोनों को ,
ग्रिफत मैं लिया ।
खाली जेबें पाकर ,
वोह दल ,
जब उन्हें थाने लाया ,
तब मुंशी भी चकराया ,
जब एक ने अपना नाम सत्य ,
दूसरे ने अहिंसा ,
तीसरे ने न्याय बताया

वाल्दिअत मैं न्याय ने
विक्रमादित्य से जहांगीर ,
अहिंसा ने ,
बुद्ध से गाँधी फकीर

और सत्य ने
हरिशच्नद आदि
की फहरिस्त लिखाईतो
मुंशी ने
क्रोध मैं तिओरी चढ़ाई
" कई बापों की औलादों "
अब भी सच बता दो
वरना
थानेदार जब आएगा
तो साड़ी हेकड़ी
धरी रह जायेगी ।
एक की लाश गंगा मैं ,
दूसरे की सरयू मैं ,
और तीसरे की
कावेरी मैं नज़र आएगी

........................
.................



कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें