रविवार, 12 सितंबर 2010

DAMODAR SWAROOP VIDROHI

मैं कैसे क़दम उठाऊं  , संकेत ज़रा सा दे दो.
मैं चलूँ तुम्हारे पीछे ,कुछ भेद ज़रा सा दे दो .
थक गया अभी तक चलकर ,हैं चरण हमारे हारे .
पहुचना चाहते अब हैं ,अपने प्रियतम के द्वारे .

                              " कसक"

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