इस जनपद का हिंदी साहित्य मैं भी योगदान रहा है . यह केवल शहीद नगरी ही नहीं है. हमारा यह प्रयत्न हो गा की जनपद शाहजहांपुर के इस योगदान को उजागर करैं.
सोमवार, 27 सितंबर 2010
फर्जी नेताओं के नाम
मैं जगा जगा कर हार गया हूँ नेताओं ,
अब कौन नया स्वर जाग्रति का देना हो गा ?
अब तुम्हें जगाने के खातिर शायद मुझको ,
दुनिया मैं फिर से नया जन्म लेना हो गा .
हम कवी -चरण चेतना दूत हैं वाणी के,
जिनके स्वर ने दी है पत्थर को बोली .
पर हार गए बीसवीं सदी मैं हम आकर ,
जो दे न सके इस मोटे खद्दर को बोली.
भारत का आँगन है लपटों से घिरा हुआ ,
पर तुम्हें आंच का रत्ती भर अहसास नहीं ,
अपने गौरव-इतिहास और छमताओं पर,
लगता है तुमको तनिक रहा विश्वास नहीं
DAMODAR SWAROOP VIDROHI
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