इस जनपद का हिंदी साहित्य मैं भी योगदान रहा है . यह केवल शहीद नगरी ही नहीं है. हमारा यह प्रयत्न हो गा की जनपद शाहजहांपुर के इस योगदान को उजागर करैं.
रविवार, 12 सितंबर 2010
DAMODAR SWAROOP VIDROHI
मैं कैसे क़दम उठाऊं , संकेत ज़रा सा दे दो.
मैं चलूँ तुम्हारे पीछे ,कुछ भेद ज़रा सा दे दो .
थक गया अभी तक चलकर ,हैं चरण हमारे हारे .
पहुचना चाहते अब हैं ,अपने प्रियतम के द्वारे .
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