प्रकाशक NANI PALKIWALA LAW FOUNDATION
SHAHJAHANPUR मूल्य । १०० /-
प्रथम संस्करण जनवरी २०१५
अब उनसठ का हुआ मैं पूरा,
फ़र्ज़ हुए सब पूरे ।
स्वप्न हो गए सारे पूरे,
रहे न कोई अधूरे ।
अब बस यही कामना प्रभु से,
जनहित में लग जाऊँ ।।
सेवा करूँ ,बार, की पूरी,
उसका मान बढ़ाऊँ ।।
पाण्डे जी की छोटी सी काव्य संग्रह एक निराले रंग की रचनाओं का संग्रह है
जो जनपद और देश के जाने माने लोगों के बारे में उनके विचार व्यक्त करता है तथा कविता का पहला अछर उस ही
व्यक्ति के नाम का हिस्सा है
भाषा पर उनकी पकड़ ग़ज़ब की है
वह केवल " बार " की ही सेवा में नहीं लगे हैं " बार " के बाहर भी वह सब की सहायता करें में विश्वास करते हैं